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साँची का स्तूप-Sanchi Stupa

सांची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भोपाल से ४६ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से १० कि॰मी॰ की दूरी पर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.

Sanchi is a small village on the banks of the Betwa River in Raisen district, Madhya Pradesh state, India. It is located 8 km northeast of Bhopal, and 10 km from Besnagar and Vidisha in the central part of Madhya Pradesh. There are many Buddhist monuments here, which date back to the 3rd century AD. 

साँची का स्तूप किसने बनवाया था:-यह प्रेम, शांति, विश्वास और साहस के प्रतीक हैं। सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई. पू. में बनवाया था
Who built the Sanchi Stupa? -It is a symbol of love, peace, faith and courage. The great main stupa of Sanchi, originally Emperor Ashoka the Great, the third century, BC. Was built in 

Ashoka, also known as Ashoka the Great, was an Indian emperor of the Maurya Dynasty, who ruled almost all of the Indian subcontinent from c. 268 to 232 BCE. A grandson of the dynasty's founder Chandragupta Maurya, Ashoka promoted the spread of Buddhism across ancient Asia. Wikipedia
Born304 BC, Pataliputra
Died232 BC, Pataliputra
SpouseMaharani Devi (m. 286 BC), Asandhimitra (m. 270 BC–240 BC), Padmavati (m. 266 BC), Tishyaraksha

अशोक, जिसे अशोक महान के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य राजवंश का एक भारतीय सम्राट था, जिसने लगभग सभी भारतीय उपमहाद्वीपों पर शासन किया। 268 से 232 ई.पू. राजवंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के पोते, अशोक ने प्राचीन एशिया में बौद्ध धर्म के प्रसार को बढ़ावा दिया।
जन्म: 304 ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र जो की आज का पटना और बिहार (मगध )की राजधानी  है 
मृत्यु: 232 ई.पू., पाटलिपुत्र
पति या पत्नी: महारानी देवी (एम। 286 ई.पू.), असंधमित्रा (एम। 270 ई.पू.-240 ई.पू.), पद्मावती (एम। 266 ईसा पूर्व), तिष्यरक्ष।
दादा-दादी: चंद्रगुप्त मौर्य, दुधारा
बच्चे: महिंदा, संघमित्त, कुनाला, चारुमती, तिवाला, जलुका
माता-पिता: बिन्दुसार, सुभद्रांगी 
गुरू :-आचार्य चणक्य जो की चन्द्र गुप्तमौर्यबिन्दुसार और अशोक तिनो के गुरु थे

आचार्य चाणक्य (अनुमानतः ईसापूर्व 376 - ईसापूर्व 283) चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी विख्यात हैं। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है।वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे , उन्होंने मुख्यत: भील और किरात राजकुमारों को प्रशिक्षण दिया । उन्होंने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया।
जिनकी बिन्दुसार के शाशन काल में षड्यंत रच के हत्या कर दी थी!


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